एकेटीयू में बी फार्मा के लिए देनी होगी यूजीपेट परीक्षा
उत्तर प्रदेश में अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से संबंध कॉलेजों में बी फार्मा के लिए प्रवेश का तरीका बदल गया है बी फार्मा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए छात्रों को अब राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा देनी होगी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जो कि जेई मेंस और Neet जैसे परीक्षाओं को संचालित करती है अब NTA बी फार्मा पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगी जो कि देश स्तर पर होगी आपको बता दें इससे पहले उत्तर प्रदेश स्टेट इंजीनियरिंग एग्जाम के तहत प्रदेश स्तर पर परीक्षाएं संपन्न कराई जाती थी और विद्यार्थियों को कॉलेज allot किए जात थे
एकेटीयू में जेईईमेन से होगा एडमिशन
आपको बता दें कि अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने बीते दिनों अहम फैसला लिया है जिसमें से कॉलेजों में आगामी सत्र से बीटेक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए Jee main को अनिवार्य कर दिया है जिसके माध्यम से दाखिले दिए जाएंगे प्राविधिक विश्वविद्यालय के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में प्रदेश में बी फार्मा के 270 संस्थान है जबकि इंजीनियरिंग के साथ बी फार्मा की 21000 सीटें हैं नए सत्र से तकनीकी संस्थानों में Jee के जरिए दाखिले की प्रक्रिया होगी परीक्षाएं एंटीए करवाएगा ऐसे में एकेटीयू ने B. pharma की परीक्षा कराने का अनुरोध किया था जो कि NTA पहली बार में ही मान लिया और अब पहली बार बी फार्मा कॉलेज में दाखिले के लिए परीक्षा आयोजित करेगा इससे प्रदेश व अन्य राज्यों के विद्यार्थी भी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने बताया कि छात्रों को चार मौके दी जाएंगी जिसमें वे अपना स्थान सुनिश्चित कर सकेंगे यह बात सामने आ रही है ऐसा माना जा रहा है कि इस बार परीक्षा का स्तर ऊंचा होगा क्योंकि परीक्षा अब राष्ट्रीय स्तर पर होगी और इसमें सभी राज्यों के प्रतिभागी शामिल होंगे जिसके कारण अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के छात्रों को अधिक मेहनत की जरूरत है और अब इस नए संशोधन से विद्यार्थियों के जीवन में उन्नति के अधिक अवसर खुलेंगे और रोजगार के भी अवसर खुलेंगे
सत्र 2019 -20 की बात करें तो इस सत्र में 4 चरणों के बाद भी यहां के तकनीकी संस्थानों में लगभग 92% तक सीटें खाली पड़ी हैं वहीं अन्य राज्यों में यह दर 40% तक है इस खराब स्थिति में अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को सोचने पर विवश कर दिया उधर विशेषज्ञों की बात करें तो उनका मानना है कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सभी प्रदेशों में गिरावट है लेकिन उत्तर प्रदेश में गुणवत्ता पर ध्यान ना दे जाने के कारण यह भयावह सामने आ रही है इसी वजह से दिसंबर महीने में यूनिवर्सिटी द्वारा नए कदम उठाए गए हैं
अगर प्रदेश में अध्ययनरत एकेटीयू के विद्यार्थियों की माने तो उनका कहना है कि एकेटीयू और उनसे जुड़े कॉलेज छात्रों से फीस लेने के मामले में सबसे आगे हैं प्रदेश में 80000 से लेकर 1.25 lakh रुपए प्रति वर्ष तक इंजीनियरिंग की fees जाती है वहीं अगर मध्य प्रदेश राजस्थान व वहीं अन्य प्रदेशों की बात करें तो इंजीनियरिंग संस्थानों की fees 60 से 70000 के बीच है.
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