Christmas day : क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है

         क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है  

 ईसाइयों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार क्रिसमस भारत सहित विश्व के अन्य देशों में बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है क्या आप जानते हैं कि क्रिसमस पर्व क्यों मनाया जाता है ? और कब से मनाया जाता है इन सब विषयों पर बात करेंगे चलिए चलते हैं आज के आर्टिकल  में, 24 दिसंबर से ही क्रिसमस  डे से जुड़ी कार्यक्रम प्रारंभ हो जाते हैं पश्चिमी देशों में इस दौरान कार्यक्रम आयोजित होते हैं भारत में गोवा शहर में यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है क्योंकि गोवा में ईसाइयों की बहुलता है इसके अलावा विभिन्न शहरों में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे होते हैं और प्रभु यीशु का ध्यान करते हैं क्रिसमस सिर्फ धार्मिक पर्व नहीं रहा बल्कि इसमें सामाजिक पर्व का रूप धारण कर लिया है क्योंकि यह केवल ईसाइयों का त्यौहार नहीं बचा है भारत में सभी समुदायों के लोग मिलकर इस त्योहार को मनाते हैं  इस दिन यानी 25 दिसंबर को ईसाइयों के देवता भगवान यीशु का जन्म हुआ था



 पीछे का इतिहास 

क्रिसमस से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जिनमें से एक यह है कि एक बार ईश्वर ने गैब्रियल  नामक अपना एक दूत मैरी नामक लड़की के पास भेजा जो की कुंवारी थी ईश्वर के दूत  गैब्रियल  ने मैरि को जाकर कहा कि उसे ईश्वर के पुत्र को जन्म देना है यह बात सुनकर मेरी चौक गई क्योंकि वह अभी तक कुंवारी थी सो उसने   गैब्रियल से पूछा कि यह किस प्रभाव संभव    है  तो  गैब्रियल  ने उत्तर दिया कि ईश्वर सब ठीक करेगा समय बीता और मैरी की शादी  जोसेफ  नाम के युवक के साथ हो गई भगवान  जोसेफ  के सपने में आए और उससे कहा कि मैरी जल्दी गर्भवती होगी और उसे खास ध्यान रखना होगा क्योंकि उसकी होने वाली संतान कोई प्रभु हैं उस समय वह इजराइल  में थे 

कुछ दिनों बाद  जोसेफ और मेरी फिलिस्तीन चले गए वह समय बहुत से लोग आए हुए थे जिसके कारण उन्हें धर्मशाला नहीं मिल पाई तो उन्होंने रात बिताने के लिए  अस्तबल को  चुना है वहीं पर मैरी के गर्व से  भगवन यीशु  का जन्म हुआ और वहीं पास में चरवाहे जा रहे थे जिनके सामने स्वयं भगवान यीशु प्रकट हुए और उन्होंने भगवान के जन्म होने की बात की जिसके बाद वह यह बात सुनकर उससे नवजात शिशु के पास पहुंचे जिसका  जन्म  मैरी के गर्भ से हुआ था और उसका नमन किया उसके बाद से ही वह नवजात शिशु यानि भगवान यीशु चारों ओर भ्रमण कर कर के सभी के लोगों  के दुखो का निवारण करते और उनके दर्द को सुनते धीरे-धीरे करके उनकी प्रसिद्धि चारों ओर फैल गई

यीशु के इस सद्भावना पूर्ण कार्य से वहां के कुछ लोग उनके दुश्मन बन गए जिन्होंने यीशु को काफी यातनाएं दी और उन्हें क्रूस पर लटका कर मार दिया लेकिन यीशु जीवन पर्यंत मानव कल्याण की दिशा में जुटे रहे जब उन्हें क्रूस पर लटकाया गया तब भी वह बोलते रहै.  हे परम पिता परमेश्वर इन्हे माफ़ कर दो ये तो अज्ञानी है माना जाता है कि क्रिसमस पर्व की रात को फरिश्ते नीचे आकर बच्चों की सभी इच्छाओं को प्रभु  तक पहुंचा देते हैं और सबसे पहले क्रिसमस ट्री के साथ इस त्यौहार को मनाने की शुरुआत उत्तरी यूरोप में हजारों साल पहले हुई थी उस समय FIR  नामक पेड़ को सजाकर इस दिन  को मनाया गया था क्योंकि भगवान यीशु प्रकृति प्रेमी थी