राष्ट्रीय विज्ञान दिवस – national science day 2021

        राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2021 की थीम

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (national science day )

नमस्कार दोस्तों आज के ब्लॉक में आप राष्ट्रीय विज्ञान दिवस ,राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध ,सी वी रमन का जीवन परिचय, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है, रमन प्रभाव क्या है आदि के बारे में जानेंगे. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाया जाने का मुख्य कारण इसी दिन प्रकाश के प्रकीर्णन रमन प्रभाव की खोज का होना है

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है ?भौतिकी के महान वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने 28 फरवरी को भौतिक विज्ञान के एक बहुत महत्वपूर्ण विषय रमन प्रभाव की खोज की थी जिसे भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है चंद्रशेखर वेंकटरमन यानी सीवी रमन जी को इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए  नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था रमन प्रभाव की खोज सर चंद्रशेखर वेंकटरमन द्वारा 28 फरवरी 1928 को की गई थी जिस के उपलक्ष में इस दिन को हम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाते हैं

चंद्रशेखर वेंकटरमन पहले व्यक्ति एशियाई व्यक्ति थे जिन्हें प्रकाश के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया प्रकाश के प्रकीर्णन तथा रमन प्रभाव का आविष्कार करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता एवं भौतिक विज्ञान के महान वैज्ञानिक सर सी वी रमन आधुनिक भारत के एक महान वैज्ञानिक थे सर वेंकटरमन इससे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने भारत को विश्व स्तर पर नाम रोशन किया और भारत की वैश्विक स्तर पर पैठ बनाई.

रमन प्रभाव क्या है 

रमन प्रभाव या  प्रकीर्णन फोटन कणों के लचीले वितरण से संबंधित है रमन प्रभाव के अनुसार जब कोई एक वर्ण का प्रकाश द्रव यानी तरल और ठोस ( कठोर) से होकर गुजरता है तो उसमें आपतित प्रकाश यानी आने वाला प्रकाश के साथ साथ बहुत ही छोटे तीव्रता के कुछ अन्य रंगों का प्रकाश देखने में  सामने आता है जिसे रमन प्रभाव के नाम से जाना जाता है

सीवी रमन का जीवन परिचय

 सर चंशेखर वेंकटरमन का जन्म सन 7 नवंबर 1888 में तमिलनाडु राज्य के तिरुचिरापल्ली में हुआ था इनके पिता का नाम श्री चंद्रशेखर अय्यर तथा माता का नाम पार्वती था इनके पिता चंद्रशेखर   विशाखापट्टनम के महाविद्यालय में भौतिक विज्ञान एवं गणित विषय के प्रवक्ता  थे इनके पिताजी को पढ़ने का बहुत ही शौक था जिसकी वजह से वह अपने घर पर विभिन्न प्रकार की पुस्तकों को एक छोटी लाइब्रेरी की भांति सजाकर रखते थे और पढ़ते थे इसी वजह से चंद्रशेखर रमन को अपने पिता से प्रेरणा मिली और उन्होंने भी विज्ञान से संबंधित विभिन्न प्रकार की पुस्तकों को पड़ा और उनके बारे में जाना रमन जी को हिंदी अंग्रेजी साहित्य में विशेष रूचि थी इनके पिता एक अच्छे वीणा वादक भी थे सर चंद्रशेखर वेंकटरमन क महत्वपूर्ण कार्य प्रकाश के प्रकीर्णन और रमन प्रभाव की खोज करना था जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया

सी वी रमन जी को अध्यापन का बहुत शौक था जिसकी वजह से इन्होंने  उच्च सरकारी नौकरी को छोड़कर कोलकाता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बनना पसंद किया और यहीं पर इन्होंने कई वर्षों तक वस्तुओं में प्रकाश के चलने का अध्ययन किया 1921  में विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधि बना कर इन्हें ऑक्सफोर्ड भेजा गया जब वे वहां से जल मार्ग द्वारा लौट रहे थे तब उन्होंने भूमध्य सागर के जल का अनोखा रूप देखा और उसे समझा जिसे देख कर बहुत अचंभित हैं और वापस आकर निर्जीव वस्तुओं में प्रकाश के प्रकरण का अध्ययन करने में जुट गए और लगभग 7 वर्षों की कठिन तपस्या के बाद उन्होंने रमन प्रभाव की खोज की जिसे हम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाते हैं

विशेष पुरस्कार और उपलब्धियां

सर चंद्रशेखर वेंकटरमन भौतिकी के एक महान वैज्ञानिक थे इनकी प्रतिभा का अनुमान लगाना असंभव है इनकी अद्भुत प्रतिभा के कारण इन्हें विभिन्न प्रकार के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया

  • 1924 में लंदन की रॉयल सोसाइटी का सदस्य बनने का गौरव 
  • 28 फरवरी 1928 को रमन प्रभाव की खोज की जिसे हम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाते हैं
  •  1929 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस की अध्यक्षता
  •  1929 में नाइटहुड पुरस्कार दिया गया 
  • 1930 में प्रकाश के प्रकीर्णन और रमन प्रभाव की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया 
  • 1954 में भारत रत्न से नवाजा गया
  •  1957 में लेनिन शांति पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव