[2022]Holi essay in hindi – होली पर निबंध

होली पर निबंध // Holi essay in hindi

नमस्कार दोस्तों आज के आर्टिकल में होली पर निबंध के बारे में बताया गया है

होली पर निबंध
होली पर निबंध

 

होली पर निबंध :

होली हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक हैं जिसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है होली हर साल फागुन महीने यानी मार्च महीने के विभिन्न प्रकार के रंगों के साथ मनाई जाती है होली का त्योहार पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं होली का त्यौहार लोग आपस में गले लग कर तथा एक दूसरे को रंग लगाकर मनाते हैं इस दौरान धार्मिक और फाल्गुन गीत भी गाए जाते हैं होली से 1 दिन पहले होलिका दहन किया जाता है

होली का त्योहार मनाने के पीछे एक प्राचीन इतिहास है प्राचीन समय में हिरण कश्यप नाम का एक असुर था जो भगवान विष्णु का कट्टर विरोधी था उसकी एक दुष्ट बहन थी जिसका नाम होलिका था हिरण कश्यप के पुत्र पहलाद भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे इसी कारण हिरण कश्यप ने अपनी बहन होलिका से पुत्र प्रहलाद को जान से मारने की लिए गोद में लेकर आग में बैठने को कहा क्योंकि होलिका को आदमी ना जलने का वरदान प्राप्त था उसके बाद होलिका प्रहलाद को लेकर चिता में बैठ जाती है लेकिन प्रहलाद आग में सुरक्षित बच जाते हैं और होलीका मारी जाती है

इस प्रकार होली त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है होली रंगों तथा हंसी खुशी का निराला त्यौहार है यह त्यौहार दो या तीन दिन तक मनाया जाता है सर्दी की विदाई और गर्मी की शुरुआत इसी तरह से होती है होली की इसी तो हार से इसी तरह हार से होती है होली के दिन बच्चे गुब्बारों और कुछ कार्यों में पिचकारीओं से अपने मित्रों के साथ होली का आनंद उठाते हैं होली में बच्चे बूढ़े और जवान का भेदभाव मिट जाता है इस अवसर पर घर में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं होली का त्यौहार हमें आपस में एकता और भाईचारा का संदेश देता है

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 28 मार्च 2021 को 18:37 से लेकर 20:56 तक है होलिका दहन की अवधि 2 घंटे 20 मिनट की है

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होली में रंग कब से शामिल हुए :

द्वापर युग की बात है जब भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण जी ने पूतना नामक राक्षसी का वध किया जिससे गोकुल वासी प्रसन्न हुए और जमकर खुशियां मनाई और कृष्ण के साथ मिलकर रास लीला रचाई तब से लेकर आज तक गोकुल में पहले की तरह ही रंगो भरी लठमार होली खेली जाती है आज भी पूरे विश्व में बृजेश की होली कहीं नहीं चली आती देश विदेशों से लोग ब्रज की होली को देखने भारत आते हैं इसीलिए वर्तमान समय में ब्रिज भारत का एक बहुत अच्छा पर्यटन स्थल नहीं है भी है