लेंज का नियम क्या है | लेंज के नियम की व्याख्या
नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में लेंज का नियम क्या है तथा लेंज के नियम की व्याख्या और लेंज के नियम से जुड़े कुछ प्रतियोगी प्रश्नों का जिक्र इस आर्टिकल में किया गया है.
लेंज का नियम :
लेंज के नियम के अनुसार किसी विद्युत परिपथ में प्रेरित विद्युत वाहक बल अथवा प्रेरित धारा की दिशा सदैव ऐसी होती है यह उस कारण का विरोध करती है जिससे कि स्वयं उत्पन्न होती है
लेंज के नियम की व्याख्या :
लेंज के नियम का सत्यापन फैराडे के प्रयोगों से हो जाती है चुंबक तथा कुंडली वाले प्रयोग के अंदर में में जब हम चुंबक के उत्तरी ध्रुव को कुंडली के पास लाते हैं तो कुंडली में प्रेरित धारा की दिशा में प्रवाहित होती है कि कुंडली का चुंबक के सामने वाला तल उत्तरी ध्रुव की तरह कार्य करता है
अतः यह पास पास आते हुए चुंबक को दूर हटाने का प्रयत्न करता है अर्थात उसकी गति का विरोध करता है इसी प्रकार जब चुंबक के उत्तरी ध्रुव कुंडली से दूर हटाते हैं तो चुंबक को अपनी ओर आकर्षित करता है अर्थात उसकी गति का पुनः विरोध करता है
ठीक इसी प्रकार जब चुंबक के दक्षिणी ध्रुव को कुंडली के पास ले जाते हैं अथवा दो हटाते हैं तो कुंडली में प्रेरित धारा की दिशा इस प्रकार होती है कि वह चुंबक की गति का विरोध करती है स्पष्ट है कि प्रत्येक दशा में चुंबक को गतिमान करने के लिए रोधी बल के कारण कुछ यांत्रिक कार्य करना पड़ता है
F.A.Q.
Q.1- लेंज का नियम किस सिद्धांत नियम के अनुसार उत्पन्न होता है –
(a)आवेश (b)संवेग
( c)ऊर्जा (d)द्रव्यमान
Ans – ऊर्जा
Q.2- प्रेरित विद्युत धारा की दिशा का ज्ञान होता है-
(a )लेंज के नियम से (b)फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियम से
(c) बायो सेवर्ट के नियम से (d) एंपियर के नियम से
Ans – लेंज के नियम से
Q.3- लेंज का नियम किस राशि के( सिद्धांत )संरक्षण पर आधारित है-
(a)आवेश के ( b)ऊर्जा के
(c) चुंबकीय फ्लक्स के (d)संवेग के
Ans –ऊर्जा के
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