वट सावित्री व्रत 2021- कब है वट सावित्री व्रत पूजा विधि और पूजन सामग्री

साल 2021 में हम वट सावित्री व्रत किस व्रत प्रकार रखेंगे और किस दिन रखेंगे वट सावित्री का व्रत  हम जेष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर रखते हैं यह तिथि कब प्रारंभ हो रही है कब समाप्त हो रही है पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है बट सावित्री के व्रत को लेकर संशय है हैवट सावित्री की पूजा किस दिन है ,वट सावित्री व्रत का इतना ज्यादा महत्व क्यों है इसे करना चाहिए या नहीं तो दोस्तों इन सभी प्रश्नों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे.

वट सावित्री व्रत 2021कब है वट सावित्री व्रत पूजा विधि और पूजन सामग्री


वट सावित्री व्रत कब है 2021:

वट सावित्री व्रत की पूजा दोस्तों साल 2021 में  हम 10 जून को करेंगे, वट सावित्री व्रत अमावस्या 10 जून को पढ़ रही है हालांकि अमावस्या कि जो तिथि है वह वह प्रारंभ होती है 9 जून 2021 को 1:57 से मिनट दोपहर से और अमावस्या समाप्ति की तिथि है 10 जून 2021 को शाम 4:22 पर लेकिन हम वट सावित्री व्रत 10 जून को रखेंगे 

दोस्तों आमतौर पर उत्तर और दक्षिण भारत में हम जो व्रत रखते हैं वह एक ही तिथि में रखते हैं लेकिन वट सावित्री व्रत यहां पर तिथि अलग अलग हो जाती है उत्तर भारत में खास तौर पर अगर बात करें तो उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश, बिहार ,पंजाब ,हरियाणा इसमें जो वट सावित्री पूजा होती है वह हम जेष्ठ मास केअमावस्या को रखते हैं  लेकिन  दक्षिण भारत में यह पूजा  वट पूर्णिमा पूजा होती है उसी दिन सावित्री पूजन किया जाता है उत्तर भारत में हम अमावस्या की तिथि में या पूजा करेंगे जो कि 10 जून को है जबकि वहीं दक्षिण भारत में यह वृत्त 14 जून को रखा जाएगा 

वट सावित्री व्रत क्या है: 

वट सावित्री व्रत क्या है और क्यों इतना महत्व है – वट सावित्री व्रत हिंदू परंपरा में बहुत ही मायने रखता है क्योंकि यह व्रत महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं वट सावित्री व्रत को दोस्तों एक दोस्तों बहुत ही बड़ा व्रत माना गया है सुहागिन महिलाओं के लिए खास तौर पर क्योंकि सौभाग्य प्राप्ति के लिए यह एक बहुत ही बड़ा व्रत है जैसे कि महिलाएं तीज का व्रत रखती हैं करवा चौथ का व्रत रखती हैं उसी तरीके से दोस्तों वट सावित्री का व्रत का भी बहुत अधिक महत्व बताया गया है

दोस्तों वट सावित्री व्रत के साथ ही सत्यवान और सावित्री माता की कथा  जुड़ी हुई है जिसमें सावित्री ने अपने संकल्प और श्रद्धा से यमराज से सत्यवान मतलब अपने पति के प्राण वापस लिए महिलाएं भी इसी दिन ऐसा ही कुछ संकल्प करते हैं अपने पति की आयु की और प्राण की रक्षा के लिए और इस व्रत को विधि विधान से पूर्ण करती हैं 

वट सावित्री करने से सुखद और संपन्न दांपत्य जीवन क वरदान मिलता है वट सावित्री व्रत जो भी महिलाएं करती हैं वह अपने परिवार को एक सूत्र में बांध कर रखते हैं वट सावित्री वट की पूजा का विधान होता है वट वृक्ष को देव माना जाता है हिंदू धर्म में और ऐसा माना गया है कि कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश तथा सावित्री जी वट वृक्ष में निवास करते हैं

वट वृक्ष की महानता यह भी बताई गई है कि कलयुग के अंत में श्री कृष्ण इसी वृक्ष के पत्ते पर प्रकट होंगे तुलसीदास जी ने भी वटवृक्ष को तीर्थराज का स्वर्ण कहा है इसीलिए इस दिन हम वट वृक्ष की वट सावित्री पूजा करते हैं दोस्तों लंबी आयु के लिए शक्ति के लिए इस वृक्ष की बहुत ही ज्यादा धार्मिक मान्यताएं हो जाती हैं और पूजनीय है 

वट सावित्री पूजा विधि 2021:

 वट सावित्री व्रत में जो पूजा का विधान है वह कैसे रहता है/ वट सावित्री पूजा विधि, इस दिन सुबह प्रातः काल उठना चाहिए स्नान आदि कर कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए इस दिन हम जो सावित्री और सत्यवान की पूजा करते हैं वह वह वटवृक्ष के नीचे जाकर करते हैं तो ऐसे में अभी जिस तरह का माहौल है  


कोरोना संक्रमण की वजह से हम वृक्ष के नीचे जाकर सामूहिक तौर पर पूजा नहीं कर सकते इसलिए हम वट वृक्ष का एक छोटा सा तना लाकर उसे गमले में लगाकर पूजा कर सकते हैं इस पूजा में कोई मूर्ति का प्रावधान नहीं होता है इसलिए हम सावित्री और सत्यवान को अपने मन में ही मानकर पूजा करते हैं दोस्तों वट वृक्ष की पूजा में जैसे हम सभी देवी देवताओं की पूजा करते हैं उसमें हम फूल धूप दीप अक्षत मिठाई आदि चढ़ाते हैं ठीक उसी प्रकार इस पूजा को भी हम कर सकते हैं

वट सावित्री व्रत 2021 पूजन सामग्री:

वट सावित्री व्रत की पूजन सामग्री की बात करें तो इसमें बांस की लकड़ी से बना हुआ पंखा जिसे हम बेना भी  बोलते हैं और जो सामान्य पूजन में इस्तेमाल करते हैं धूप, अगरबत्ती पीले या लाल रंग की कलावा मिठाइयां चढ़ाने के लिए अक्षत सोलह शृंगार हल्दी और तांबे के लोटे में पानी लाल रंग का कपड़ा बिछाने के लिए तथा पांच प्रकार के फल का प्रयोग इस पूजा में करते हैं