अवनि लखेरा : Avni lakhera biography in Hindi

टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय शूटर महिला खिलाड़ी अवनी लखेरा ने गोल्ड मेडल जीतकर एक नया इतिहास कायम किया है 19 वर्षीय भारतीय शूटर अवनि लखेरा ने महिलाओं के लिए एयर राइफल के 10 मीटर के क्लास sh1 में प्रथम स्थान प्राप्त किया है अवनी लखेरा टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें इससे पहले जेवलिन थ्रो यानी भाला फेंक में भारतीय खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता था यह भारत को मिलने वाला जैवलिन थ्रो में पहला स्वर्ण पदक था और हाल ही में डिस्कस थ्रो में योगेश कथुनिया ने सिल्वर मेडल यानी रजत पदक जीता है।

अवनि लखेरा ,Avni lakhera biography in Hindi, अवनी लखेरा कौन है, गोल्ड मेडलिस्ट अवनी लखेरा, अवनी लखेरा का जीवन परिचय

Avni lakhera biography in Hindi (अवनी लखेरा का जीवन परिचय)

अवनी लखेरा का जन्म 8 नवंबर 2001 को हुआ था यह राजस्थान के जयपुर की भारतीय पैरा राइफल निशानेबाज हैं उन्होंने आज 30 अगस्त को चल रहे तो क्यों पैर ओलंपिक में महिला वर्ग 10 मीटर एयर राइफल कै SH1 क्लास में पहला स्थान प्राप्त किया है और भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक जीता है। अवनी लखेरा  इससे पहले भी 2018 में हुए एशियाई खेलों के महिलाओं के लिए आर-2 एयर राइफल स्टैंडिंग 10 मीटर, R3 – मिक्स्ड 10M एयर राइफल प्रोन, R6 मिक्स्ड 50M राइफल प्रोन में पार्टिसिपेट कर चुकी हैं।

गोल्ड मेडलिस्ट अवनी लखेरा के पिता का नाम प्रवीण लखेरा तथा उनकी माता का नाम श्वेता लखेरा है। और अवनी लखेरा के कोच चंदन सिंह है।

अवनी लखेरा के विकलांग होने की कहानी

अवनी लखेरा जिन्होंने राइफल शूटिंग में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है यह भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं जिन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया है अवनी लखेरा की विकलांगता की बात करें तो इनके पिता प्रवीण ने बताया कि साल 2012 में यह अपने बेटी अवनी के साथ धौलपुर जा रहे थे कभी रास्ते में एक रोड एक्सीडेंट में यह दोनों घायल हो जाते हैं कुछ समय बाद प्रवीण यानी उनके पिता तो स्वस्थ हो जाते हैं लेकिन अवनी की रीढ़ की हड्डी में चोट लगने की वजह से इन्हें लगभग 5 महीने बेड पर ही हॉस्पिटल में भर्ती रहना पड़ता है और उसके बाद भी यह चलने फिरने में असमर्थ हो जाती हैं।

उनके पिता ने बताया कि कि जब अवनी के साथ यह घटना घटित हुई दुआ उसके बाद एक दम टूट सी गई थी उसने स्वयं को एक कमरे में बंद कर लिया था लेकिन हम लोगों ने हार नहीं मानी और लगातार उसको मोटिवेट करते रहे जिससे 1 दिन ऐसा आया कि वह की प्रेरणा से मोटिवेट होकर अभिनव बिंद्रा राइफल शूटिंग के मैदान में उतरी।

अवनी लखेरा ने जीता गोल्ड मेडल –

जयपुर की रहने वाली 19 वर्षीय अवनी लखेरा 249.6 के स्कोर बोर्ड को अचीव करके एक नया रिकॉर्ड कायम किया और टोक्यो पैरालंपिक्स में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। भारत की अवनी लखेरा का फाइनल मैच में मुकाबला चीन की झांग कुइपिंग और यूक्रेन की इरियाना शेतनिक से था जिसमें भारतीय खिलाड़ी अवनी लखेरा ने गोल्ड मेडल जीता है और यूक्रेन की इरियाना शेतनिक ने कांस्य पदक जीता है।

इससे पहले 29 अगस्त को निषाद कुमार ने ऊंची कूद में रजत पदक जीता और भाविनाबेन पटेल ने टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल हासिल किया है।

भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी सहित बड़े-बड़े नेताओं जैसे अशोक गहलोत राहुल गांधी और बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए अवनी लखेरा को बधाई दी है और कहा है कि यहां भारत के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है जैसा कि आपने पहले भी आनंद महिंद्रा की दिरियादली को देखा है उन्होंने अपनी लखेरा के लिए एक एसयूवी गिफ्ट करने का ऐलान किया है इससे पहले वहां नीरज चोपड़ा को भी एक उपहार स्वरूप कार भेंट कर चुके हैं।

अवनी लखेरा कैसे आई निशानेबाजी के क्षेत्र में –

अवनी लखेरा ने बताया कि 2012 में जब मेरे साथ सड़क दुर्घटना हुई और मैं विकलांग हुई तो उसके बाद मेरा आत्मविश्वास बिल्कुल खत्म हो गया था जिसके बाद मेरे पिता ने अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफी मुझे लाकर दी और मैंने उसको पढ़ा।अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफी से मुझे बहुत अधिक प्रेरणा मिली और मैंने उसके बाद से ही अपने पास स्थित शूटर सेंटर में जाकर ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया जिसका प्रतिफल मुझे आज मिला है। और मैंने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है।

अवनी लखेरा का परिचय-

नाम – अवनी लखेरा

उम्र – 19 वर्ष

ऊंचाई – 5.2 फीट

वजन – 55 किलोग्राम

पिता- प्रवीण लखेरा

माता – श्रद्धा लखेरा

उपलब्धि-  टोक्यो पायरोलंपिक में गोल्ड मेडल

#Avanilakhera